सवाल बाद भी है और टेढ़ा भी। क्या पांच राज्यों के चुनाव परिणाम लोकसभा चुनाव की दिशा और दशा का संकेत दे देंगे ? यदि यदि एक नजर में कहे तो इसका उत्तर हां में है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। लेकिन, यह अलग बात है कि इन चुनाव को लोकसभा चुनाव के पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है।

पांच राज्यों में चुनाव का डंका बज चुका है। राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि यह चुनाव बता देंगे कि भारत की गद्दी पर कौन बैठेगा। एनडीए जीतेगा या इंडिया। इसीलिए लोग सांस रोक कर इन चुनाव के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले इन्हीं राज्यों के चुनाव हुए थे। तब भारतीय जनता पार्टी का सफाया हो गया था। यही नहीं उत्तर प्रदेश में तीन लोकसभा की गोरखपुर फूलपुर और कैराना तथा नूरपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा बुरी तरह से हार गई थी।

इन परिणामों के बाद यह दावा दिया गया था कि विपक्षी मोदी को हराकर सत्ता में आ रहे हैं। विपक्षियों ने जस्ट भी बनाया था और सत्ता में काबिज होने के तैयारी भी की थी, लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो इन्हीं राज्यों पर भाजपा ने झाड़ू लगा दी और विपक्ष को बुरी मात खानी पड़ी। यही नहीं उत्तर प्रदेश के जिन सीटों पर बीजेपी हार गई थी, उनके सहित 63 सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया जबकि बहुजन समाज पार्टी को 10 और समाजवादी पार्टी को सिर्फ पांच सीट पर संतोष करना पड़ा था। यह तब हुआ था जब यूपी चुनाव परिणाम के बाद उत्साहित समाजवादी पार्टी ने मायावती के साथ गठजोड़ किया और सामाजिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े गठजोड़ में समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल शामिल थे । इतने मजबूत गठजोड़ के बाबजूद हालत यह हुई कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही अजीत सिंह भी मुजफ्फरनगर से चुनाव हार गए और जयंत भी बागपत से । उससे भी चौंकाने वाले परिणाम दिल्ली से आए थे। केजरीवाल इस बात से आश्वस्त थे कि दिल्ली उनकी है और उन्हें दिल्ली में कोई चुनौती नहीं दे सकता । विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सफाया हुआ था। लेकिन, जब लोकसभा चुनाव हुए तो भाजपा के खिलाफ कांग्रेस ही मजबूती से लड़ी और आम आदमी पार्टी का सफाया हो गया। साफ है कि लोकसभा चुनाव में मुद्दे अलग होते हैं और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग। अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव मैदान सज चुका है, लेकिन राजनीतिक प्रेक्षक यह दावा करने से कतरा रहे हैं कि इन चुनाव के जो परिणाम आएंगे वह भारत की राजनीति की दिशा और दशा तय कर देंगे।